छत्रपति शिवाजी महाराज

 


जिस समय भारत की सनातन संस्कृति पर क्रूरता के हमले हो रहे थे, जिस समय विश्व ने मानवता ताड़ताड़ होती देखी थी, उसी समय तमस को चीरते हुए एक हिंदवी स्वराज के सूर्य का उदय हुआ। हिंदवी स्वराज का वह चमकता सूर्य स्वयं छत्रपति शिवाजी महाराज थे। 19 फरवरी 1630 को शिवनेरी किले में छत्रपति शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था।

छत्रपति शिवाजी महाराज के पिताजी का नाम शाहजी भोंसले था, जो कि एक प्रसिद्ध सेनापति थे। छत्रपति शिवाजी महाराज की माँ का नाम जीजाबाई था, जो कि एक कुशल राजनीतिज्ञ और धार्मिक महिला थीं। छत्रपति शिवाजी महाराज में कुशल नेतृत्व और वीरता का सृजन करने वाली उनकी पहली गुरु “उनकी माँ” ही थीं।

गुरिल्ला युद्ध और रणनीति में महारत रखने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज ने मात्र 16 वर्ष की आयु में, तोरणा किले पर अपनी पहली विजय प्राप्त की। हिंदवी स्वराज के अपने सपने को साकार करने के लिए छत्रपति शिवाजी महाराज ने “मराठा साम्राज्य” की नींव रखी, जिसके बाद 6 जून 1674 को रायगढ़ में छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ। अपने कुशल नेतृत्व और विचारों से भारतीय समाज को आज तक प्रेरित करने वाले छत्रपति शिवाजी महाराज 3 अप्रैल, 1680 को पंचतत्व में विलीन हो गए।

महाराज गडपती... गजअश्वपती...भूपती... प्रजापती... सुवर्णरत्नश्रीपती... अष्टवधानजागृत... अष्टप्रधानवेष्टित... न्यायालंकारमंडित... शस्त्रास्त्रशास्त्रपारंगत... राजनितिधुरंधर... प्रौढप्रतापपुरंदर... क्षत्रियकुलावतंस... सिंहासनाधिश्वर... महाराजाधिराज... राजाशिवछत्रपती महाराजांचा विजय असो.

 श्रीमंत श्री छत्रपती शिवाजी महाराज की जय!

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